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अदानी एक घंटे में 1500 करोड़ कमाता है और कई राज्य एक महीने 1000 करोड़ कर्जा लेते हैं ---- आखिर क्यों ??????

गौतम अदानी , किसी भी परिचय के मोहताज नहीं ।आज हम बात करेंगे एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जिसने अपनी बुद्धि और इच्छा शक्ति के बल पर इतना बड़ा एम्पायर खड़ा कर लिया कि आज वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर आ गया ।
इन्होंने अपने व्यवसाय का सुनहरा सफर Mundra पोर्ट से शुरू किया और फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा  और आज विश्व के तीसरे अमीर आदमी बन गए । 
यही वह मूंदड़ा बंदरगाह है जिसने अदानी की जिंदगी बदल दी । 
             चलो छोड़ो इस बात को , हमारी discussion का मुद्दा यह नहीं है , हमारी डिस्कशन का मुद्दा तो यह है कि आखिर एक आदमी मीडियम क्लास से उठ कर , अपने बलबूते पर इतनी बड़ी emire खड़ी कर लेता है और आज कि तारीख में हर घंटे लगभग एक घंटे में 1500 करोड़ के लगभग कमा रहा है और इधर कुछ राज्य ऐसे हैं जो हर महीने सरकार चलाने के लिए  1000 करोड़ कर्ज पर कर्ज ले रहे हैं । क्या राज्य सरकारें इतनी नाकाबिल है कि अपने खर्चे निकालने के लिए पैसे का बंदोबस्त नहीं कर सकती । राज्य सरकारों के पास इतने संसाधन होने के बाबजूद कर्ज लेना पड़ता है । हर एक राज्य सरकारों के पास इतने काबिल ऑफिसर्स की फौज होती है । आखिर क्यों नहीं एक ऐसा प्लान बने जिससे राज्य सरकारें भी अरबों रुपए कमाए और इस कर्ज जाल से मुक्ति मिल जाए।  
        सरकारों की इच्छा शक्ति में कमी है अगर इच्छा शक्ति हो तो राज्य सरकारें भी बग़ैर कर्ज की वैसाखी से चल सकती है ।
   

Why BJP loose in Himachal but tremendous win in Gujarat

      जैसा कि आप सभी जानते ही है कि BJP ने गुजरात में प्रचंड जीत हासिल की और हिमाचल में हार का सामना करना पड़ा। आखिर ऐसी क्या बात हुई कि एक ही समय में दोनों राज्यों में चुनाव Declare हुए और एक ही समय में परिणाम आया । फिर भी ऐसा क्यूं हुआ होगा । अगर OPS एक मुद्दा था तो हिमाचल में हार और  गुजरात में जीत क्यूं दर्ज की । 
      आज में आपको बताता हूं कि ऐसा क्यों हुआ । हिमाचल में BJP क्यूं हारी , इसके पीछे का एक ही कारण है , और वो है हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की संख्या ज्यादा होना । ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का होना,  मतलब उन पर ज्यादा निर्भर लोग। OPS  के ना होने के कारण बहुत से सरकारी कर्मचारी महज कुछ सौ, या कुछ  हजार रूपए ही पेंशन के तहत पा रहे थे । NPS के तहत मिलने वाली इतनी कम पेंशन के कारण सरकारी कर्मचारियों में असंतोष फैल गया और यहीं असंतोष उन्हें ले डूबा । 
       जबकि गुजरात में सरकारी कर्मचारियों की संख्या कम है , इसीलिए वहां पर इतना असर नहीं दिखा । गुजरात में बहुत ही ज्यादा बिजनेसमैन है । 

Budget 2023 l Short bite

0 - 3 Lakh.  ------------------ No Tax 
3 - 6 Lakh   ------------------ 5 %
6 - 9 Lakh   ------------------ 10 %
9 - 12Lakh  ------------------ 15 %
12 - 15 Lakh ----------------20 %
Above 15 lakh ------------ 30 %

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